राज्यस्तरीय ओपन चैलेंज स्केटिंग प्रतिस्पर्धा की विभिन्न श्रेणियों में आयुषी रतूड़ी ने जीते तीन स्वर्ण पदक.

राज्यस्तरीय ओपन चैलेंज स्केटिंग प्रतिस्पर्धा की विभिन्न श्रेणियों में आयुषी रतूड़ी ने जीते तीन स्वर्ण पदक.


एस.के.24 तास


नागपूर : दिनांक २१/०५/२०२३ महाराष्ट्र राज्य   जिला चंद्रपुर रोलर स्केटिंग असोसिएशन एवं  विधायक श्री किशोरभाऊ जोरगेवार संस्थापक अध्यक्ष यंग चांदा ब्रिगेड चंद्रपुर व  DNR Express  के सौजन्य से महाराष्ट्र राज्य स्तरीय ओपन चैलेंज स्केटिंग प्रतिस्पर्धा में इंडियन स्केट रेसर्स एवं अग्नि स्केट रेसर्स नंदनवन जिला नागपुर महाराष्ट्र की विद्यार्थी कुमारी आयुषी अरविंद रतूडी ने १० से १२ वर्ष उम्र बीगनर प्रवर्ग राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेते.



 हुए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए अपने असंख्य सह उम्र प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ते हुए तीनों श्रेणियों की प्रतिस्पर्धा में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए तीन-तीन स्वर्ण पदक अपने नाम करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया विशेष बात यह रही कि आयुषी रतूड़ी काफी कम समय से इस खेल में है और इस प्रकार की दोहरी उपलब्धि हासिल करने वाली प्रतियोगी छात्रा है एक सप्ताह के भीतर ही पहले जिला स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के बाद राज्यस्तरीय प्रतियोगिता की तीनों श्रेणियों में तीन-तीन स्वर्ण


 पदक अपने नाम किए दोनों प्रतियोगिताओं में ही प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए चार चार स्वर्ण पदक विजेता बनी स्वर्ण पदक और प्रथम स्थान विजेता बनने पर आयुषी रतूड़ी ने कहा कि मेरे पिता जी एक सुप्रसिद्ध समाजसेवी है और सदैव लोगों की सेवा में समर्पित रहते हुए आर्थिक रूप और साधन संसाधनों से कमजोर है उच्च श्रेणी के संसाधनों की कमी के बावजूद भी मेहनत और हौसला अफजाई ही मेरी असली ताकत है यह प्रथम पुरस्कार और तीनों स्वर्ण पदक मैं अपने प्रशिक्षकों श्री लक्ष्मीकांत माटे 


श्री गजेन्द्र बंसोड श्री जुबेर खान कुमारी रूपल टाले श्री अभिषेक सर श्री तन्मय पिंपडे श्री अक्षय वंसोड मुग्धा गजभिए रिया माऊले के साथ साथ सभी सम्मानित प्रशिक्षकों प्रशिक्षिकाओं तथा अपने माता पिता और स्वर्गीय दादा दादी जी को समर्पित करती हूं क्योंकि मुझे इस मुकाम तक पहुंचाने में इन सम्मानित लोगों का पूरा श्रेय रहा है खासकर मेरे सभी स्केटिंग रिंग के प्रशिक्षक और प्रशिक्षिकाएं ही मेरी जीत की आधार शिला है और माता पिता परिवार के साथ ही गुरू के बिना उनके संघर्ष आशीर्वाद के बिना किसी भी विद्यार्थी किसी भी प्रतियोगी का जीवन और मेहनत शून्य और नग्यण्य है.

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